भारतीय अंतरिक्ष अभियान ISRO ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलाता पूर्वक लैंडिंग करके भारत ने एक नया इतिहास की रचना की है। ISRO की मून मिशन चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी पोल पर उतरने में सफलता प्राप्त की है।
चंद्रयान-3 की सफलता पूर्वक लैंडिंग के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि ऐसे ऐतिहासिक पलों को देखकर उन्हें गर्व महसूस होता है। उन्होंने इसे नए भारत का सूर्योदय बताया और कहा कि हमने धरती पर वचनबद्धता किया और अब चंद्रमा पर उसको पूरा किया है। आइए जानते है। चंद्रयान-3 लैंडिंग के बाद क्या-क्या करेगा?
चंद्रयान-3 लैंडिंग के बाद क्या-क्या करेगा?
चंद्रयान-3 चंद्रमा पर भारत का यह दूसरा मिशन है। यह मिशन 2019 में लॉन्च किया गया था। लेकिन चंद्रमा पर उतरने से पहले ही खराब हो गया था। अब चंद्रयान-3 को 2023 में फिर से लॉन्च किया गया है और इस बार सफल रहा।
चंद्रयान-3 के सफलाता पूर्वक लैंडिंग के बाद यह चंद्रमा की सतह पर विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग करेगा।
इन प्रयोगों में शामिल है:-
- चंद्रमा की सतह पर पानी की मौजूदगी का पता लगाना
- चंद्रमा की सतह के भूकंपीय गतिविधि का अध्ययन करना
- चंद्रमा की सतह के रासायनिक और भौतिक गुणों का अध्ययन करना
- चंद्रमा की सतह पर चट्टानों और मिट्टी के नमूने एकत्र करना।
चंद्रयान-3 के प्रयोगों से चंद्रमा के बारे में नई-नई जानकारी प्राप्त होगी। जो भविष्य में चंद्रमा पर मानव मिशनों को तैयार करने में मदद करेगी।
चंद्रयान-3 के प्रयोगों के बारे में अधिक जानकारी इस प्रकार है:-
#1 पानी की मौजूदगी का पता लगाना
चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी का पता लगाना एक बहुत महत्वपूर्ण वैज्ञानिक लक्ष्य है। जो पानी का उपयोग पेयजल, ईंधन और निर्माण सामग्री के रूप में किया जा सकता है। चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर पानी की मौजूदगी का पता लगाने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग किया जाएग। जिनमें शामिल है:-
- चंद्रमा की सतह से नमूने एकत्र करना और उनका विश्लेषण करना
- चंद्रमा की सतह पर भूकंपीय गतिविधि का अध्ययन करना
- चंद्रमा की सतह पर चट्टानों और मिट्टी के रासायनिक और भौतिक गुणों का अध्ययन करना।
#2 चंद्रमा की सतह के भूकंपीय गतिविधि का अध्ययन करना
चंद्रमा की सतह पर भूकंपीय गतिविधि का अध्ययन चंद्रमा के आंतरिक संरचना और विकास के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर भूकंपीय गतिविधि का अध्ययन करने के लिए एक भूकंपीय मापी यंत्र ले जाएगा।
#3 चंद्रमा की सतह के रासायनिक और भौतिक गुणों का अध्ययन करना
चंद्रमा की सतह के रासायनिक और भौतिक गुणों का अध्ययन चंद्रमा के निर्माण और विकास के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह के रासायनिक और भौतिक गुणों का अध्ययन करने के लिए विभिन्न उपकरण ले जाएगा। जिनमें शामिल है:-
- परमाणु शक्ति मापी
- चुंबकीय क्षेत्र मापी
- एक्स-रे फ्लोरेसेंस स्पेक्ट्रोमीटर।
#4 चंद्रमा की सतह पर चट्टानों और मिट्टी के नमूने एकत्र करना
चंद्रमा की सतह पर चट्टानों और मिट्टी के नमूने एकत्र करना चंद्रमा के बारे में जानकारी प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर चट्टानों और मिट्टी के नमूने एकत्र करेगा और उन्हें पृथ्वी पर वापस लाएगा। इन नमूनों का विश्लेषण करके चंद्रमा के इतिहास, भूविज्ञान और रसायन विज्ञान के बारे में जानकारी प्राप्त की जाएगी।
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चंद्रयान-3 के प्रयोगों से चंद्रमा के बारे में नई-नई जानकारी प्राप्त होगी। जो भविष्य में चंद्रमा पर मानव मिशनों को तैयार करने में मदद करेगी। चंद्रयान-3 की सफलाता पूर्वक लैंडिंग भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। और यह अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की अगुवाई को मजबूत करेगा।